Aryan Pankaj

Aryan Pankaj

राम मंदिर के लिए खुश अपने ही साथियों पर कथित असली रंग दिखा देने का आरोप लगा रहे मक्कार वामपंथी – लिबरलों के नाम एक खुला पत्र

हे निर्लज्ज वामपंथियों, मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ इतनी मक्कारी कहाँ से लाते हो? और क्या तुम्हें इस मक्कारी का प्रदर्शन करते हुए जरा भी लज्जा का अनुभव नहीं होता?

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प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में वामपंथी गिरोह द्वारा साझा की जा रही प्रस्तावना अपने आप में असंवैधानिक है

मूल संविधान की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्ष, समाजवादी और अखंडता शब्द सम्मिलित नहीं थे। यहां तक कि संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर भी संविधान में सेकुलर जैसे शब्दों को शामिल किए जाने के विरोधी थे। ऐसे में ये तीन शब्द प्रस्तावना में आए कैसे?

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