मूल संविधान की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्ष, समाजवादी और अखंडता शब्द सम्मिलित नहीं थे। यहां तक कि संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर भी संविधान में सेकुलर जैसे शब्दों को शामिल किए जाने के विरोधी थे। ऐसे में ये तीन शब्द प्रस्तावना में आए कैसे?
Continue readingप्राण प्रतिष्ठा के विरोध में वामपंथी गिरोह द्वारा साझा की जा रही प्रस्तावना अपने आप में असंवैधानिक है
